भक्त भगवत् सेवा में अपनी मनोकामना पूर्ण होने पर अपने संकल्प के अनुसार अनेक प्रकार के प्रसाद का भोग प्रभु को लगाते हैं, जिसको तत्पश्चात् श्री प्रभु के भक्तों एवं समाज के कमजोर वर्ग के व्यक्तिगण मंदिर परिसर में ग्रहण करते हैं। तथा यही प्रसाद समिति द्वारा निर्धारित शैक्षिणिक संस्थान, कुश्ठ, नेत्रहीन अपंग आश्रम तथा आर्थिक रुप से कमजोर समाज कल्याण केन्द्रों इत्यादि को प्रतिदिन आवश्यकतानुसार भेजा जाता है। यह सम्पूर्ण व्यवस्था मंदिर की ओर से की जाती है।