श्री हनुमान बालाजी मंदिर विवेक विहार, दिल्ली में शुद्ध 40 किलो चाँदी की श्री हनुमान जी की पूर्ण कद की प्रतिमा है जिसका अभिषेक नियमित रूप से किया जाता है। यह मूर्ति विश्व में अद्वितीय है। इतनी बड़ी और इस रूप की अन्य मूर्ति कहीं पर नहीं है।

इस मूर्ति का निर्माण चांदी के कुशल शिल्पकार श्री राजेन्द्र कुमार जी के संरक्षण में वाराणसी में वर्ष 2000 में हुआ तथा 16.06.2000 को मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा मंदिर में हुई।

यह मूर्ति भगवान द्वारा भक्त को विनम्रता के भाव में रहने को सदैव प्रेरित करती है। मूर्ति का अभिषेक दूध, दही, घी, शहद, बूरा, गंगाजल, गौमूत्र, गोबर, चावल, तुलसीदल, पुष्प एवं मंत्रोच्चारण द्वारा होता है। जिसमें लगभग 1 घंटे का समय लगता है। इस तरह से श्री हनुमान बालाजी का अभिषेक करने से महाकाल शिव भगवान के अभिषेक का भी पूरा–पूरा प्रसाद मिल जाता है, तथा मनवांछित फल प्राप्त होता है, क्योंकि श्री हनुमान जी रूद्र अवतार हैं। ज्ञात हो कि यह एकमात्र स्थान है जहाँ पर श्री बालाजी का इस प्रकार अभिषेक होता है। अन्य स्थानों पर प्राय: बालाजी की मूर्ति पर चोला चढ़ता है पर इस मूर्ति का अभिषेक होता है।